Radha Swami Sakhi - Murkh ko samjhana bekaar | राधा स्वामी साखी - मूर्ख को समझाना बेकार - Hub Of Tips
Radha Swami Sakhi - Murkh ko samjhana bekaar | राधा स्वामी साखी - मूर्ख को समझाना बेकार

Radha Swami Sakhi - Murkh ko samjhana bekaar | राधा स्वामी साखी - मूर्ख को समझाना बेकार

Share This
Radha Swami Sakhi - Murkh ko samjhana bekaar | राधा स्वामी साखी - मूर्ख को समझाना बेकार

राधा स्वामी साखी - मूर्ख को समझाना बेकार

उन  जैसा बहरा और कौन हो सकता है जो सुनंगे नहीं

कहावत

एक बार किसी मूर्ख व्यापारी ने एक घोड़े पर एक तरफ दो मन गेहूं लाद दिया तथा दूसरी और दो मन रेत डाल ली की बोझ बराबर हो जाए और घोड़े को तकलीफ न हो | एक गरीब आदमी जो बोझ लादते देख रहा था , ने पूछा ,"श्रीमान् यह आप क्या कर रहे हैं ?"व्यापारी बोला ,"एक तरफ गेहूं और दूसरी तरफ भार बराबर करने के लिए रेत है |" वह आदमी कहने लगा की अगर दो मन गेहूं को एक मन एक और एक मन दूसरी और डाल लेते तो क्या था ? घोड़ेवाले ने कहा ,"तेरी दौलत कितनी है ?" उसने कहा की बस  जान ही जान है | तो घोड़ेवाले ने कहा कि मेरे साथ बात मत कर | कहीं मैं भी तेरे जैसा गरीब न हो जाऊं |अपनी  अकल और बदकिस्मती अपने पास रख |

नासमझ लोग सलाह लेने के लिए तैयार नहीं होते | इसी तरह संत भी शिक्षा देते हैं  पर हम उनकी एक नहीं सुनते |

No comments:

Post a Comment

Pages